नई दिल्ली: नवरात्र के पावन अवसर पर, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा पत्रकारों के लिए एक तनाव प्रबंधन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। सेमिनार के रूप में यह कार्यक्रम संस्था के स्थानीय दिल्ली मंडावली राजयोग केंद्र पर आज संपन्न हुआ। 

इस कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए भारत सरकार के सूचना व प्रसारण मंत्रालय की आईआईएमसी के महानिर्देशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारों में तनाव मुक्ति के लिए आध्यात्म और राजयोग मैडिटेशन को जीवन में अपनाना जरुरी है। पत्रकार लोग तनाव में रहते है, क्योकि कई बार वे जनता को तनाव पूर्ण खबर देने की माध्यम बनते हैं। जो हम दूसरों को देंगे वो ही हमें मिलेगा, चाहे वो ख़ुशी हो या तनाव, यही कुदरत का कानून है। 

उन्होंने आगे कहा कि जीवन में दोहरा आचरण अपने आप में तनाव का कारण है। “सादगीपूर्ण सरल जीवन हमें हमेशा तनावमुक्त रखता है। पत्रकारों को सिर्फ समस्या एवं सवाल को उजागर करना नहीं है, साथ साथ समाधान प्रदान करने वाली सुझाव भी जनता के सामने प्रस्तुत करने की आवश्यकता है”, उन्होंने जोर देकर कहा ।

नेशनल पत्रकार संघ के अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने सेमिनार में विशिष्ठ अतिथि के रूप में कहा कि पहले मीडिया स्वतंत्र रूप से अपना काम करती थी। परन्तु जबसे ठेका प्रणाली शुरू हुई तो मीडिया की आजादी कम हुई और व्यवसाय व रोजगार में स्थायित्व न होने कारण तथा अनिश्चितता की परिवेश में पत्रकारों के तनाव में वृद्धि हुई है। उन्होंने ब्रह्मा कुमारी संस्था को पत्रकारों की तनाव मुक्ति हेतु सहयोग देने के लिए ऐसे ही सेमिनार व मैडिटेशन के कार्यक्रम करते रहना चाहिए।

पत्रकारों के तनाव प्रबंधन में राजयोग मैडिटेशन की भूमिका पर अपने विचार रखते ब्रह्मा कुमारी संस्था की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बी.के.पूनम ने कहा कि दिव्यता और पवित्रता की ताकत सबसे बड़ी है। उन्होंने कहा कि जहाँ यह शक्तियां है, वहाँ तनाव, काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि विकार दूर हो जाते हैं। उन्होंने पत्रकारों में दिव्य शक्ति की जाग्रति के लिए सभी पत्रकारों को परमात्मा रूपी परम शक्ति से जोड़ने की राजयोग मैडिटेशन की सहज विधि बताई तथा सभी को मैडिटेशन का अभ्यास व सुखद अनुभव कराया।

उन्होंने कहा कि तनावमुक्त होने के लिए हमें अपने आंतरिक जगत को परिवर्तन करना होगा तभी बाह्य जगत परिवर्तन होगा, क्योकि जो हम सोचते है उसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है, इसलिए हमें अपने सोच में अपने व्यवसाय, अपने कार्य स्थल और अपने कार्य के प्रति श्रध्दा व सम्मान रखना होगा।

दिल्ली पत्रकार संघ के अध्यक्ष उमेश चतुर्वेदी ने कहा कि पत्रकारों को तनाव के कारण कई बीमारियाँ जैसे कि बी.पी., सुगर आदि सौगात में मिली है। तनाव से मुक्ति के लिए ब्रह्मा कुमारी संस्था द्वारा दी जा रही आध्यात्मिक शिक्षा और राजयोग ध्यान कारगर है।

दिल्ली पत्रकार संघ के महासचिव अमलेश राजू ने कहा कि बहुत सुखद बात है कि पत्रकारों में तनाव प्रबंधन हेतु आध्यात्म और राजयोग पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि तनाव से दूर रहने के लिए कार्य में व्यस्त रहना एक अच्छा उपाय है।

ब्रह्मा कुमारी संस्था के मीडिया प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्वतंत्र पत्रकार बी के सुशांत भाई ने पॉजिटिव व वैल्यू बेस्ड जर्नलिजम को अपने प्रोफेशनल लाइफ में अपनाने के लिए पत्रकारों प्रेरीत किया। क्योंकी, उन्होंने कहा की पत्रकारों के  नकारत्मक मानसिकता ही उनके जीवन में तनाव व दुःख अशान्ति पैदा करती है। जरूरत है की सकारात्मक सोच व आशावादी मीडिया कंटेंट की, जिसके द्वारा पत्रकार न केबल जनता व समाज को सुखद और सकारात्मक दशा व दिशा प्रदान कर सकता, साथ ही अपने जीवन और प्रोफेशन को तनाव मुक्त और बेहतर बना सकता है।

इस कार्यक्रम की आयोजक एवं ब्रह्माकुमारी के मीडिया प्रभाग के दिल्ली जोनल संयोजक राजयोगिनी बी.के. सुनीता ने अपने आशीर्वचन में कहा कि करोना के बाद मीडिया वर्ग की सेवा करने का यह पहला अवसर है। इस तरह की पत्रकारों की सशक्तिकरण कार्यक्रम भविष्य में भी जगह जगह पर करते रहेंगे, क्योकि मीडिया सशक्त होंगे तो जनता और देश शक्तिशाली होंगे।

इस अवसर पर इंडियन जेर्नालिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव निशाना ने भी अपने माउंट आबू के अनुभव साँझा करते हुए ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा सिखाई जा रही नैतिक शिक्षा एवं राजयोग ध्यान की सराहना की। वरिष्ठ पत्रकार एवं दिल्ली पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष मनोहर सिंह ने अंत में आभार प्रस्ताव रखा ।